कोरोना का इन्फेक्शन मुंह, नाक या आंख के जरिए इंसानी शरीर में प्रवेश करता है.
कोरोना (CoronaVirus) पर वैश्विक चर्चा जारी है. आइए ऐसे में जानते हैं कि ये संक्रमण आपके शरीर पर असर कैसे करता है…
वायरस का स्ट्रक्चर
ज्यादातर वायरस का स्ट्रक्चर मूलत: तीन चीजों से बना होता है. आरएनए, प्रोटीन और लिपिड. ये तीनों परतों के फॉर्म में वायरस का निर्माण करते हैं. लिपिड बाहरी परत का निर्माण करता है और वायरस के स्ट्रक्चर को बनाए रखने में मदद करता है. लेकिन वायरस के स्ट्रक्चर में लिपिड की ये बाहरी परत ही सबसे कमजोर कड़ी होती है.
कैसे शरीर में करता है एंट्रीअभी तक की रिसर्च और डॉक्टरों की सलाह के मुताबिक कोरोना मुंह, आंख और नाक के जरिए किसी व्यक्ति के शरीर में एंट्री ले सकता है. सामान्य तौर पर ये वायरस ड्रॉपलेट यानी छींक या खांसी के जरिए लोगों के शरीर में एंट्री करता है. इंसानी शरीर की कोशिकाओं के ACE 2 नाम के प्रोटीन से जरिए ये संक्रमण फैलना शुरू होता है.
इसके बाद कोरोना वायरस का ऊपरी हिस्सा यानी लिपिड टूटकर फैल जाता है. इसके भीतर मौजूद आरएनए हमारी कोशिकाओं में मिल जाता है. फिर ये वायरस हमारे शरीर की कोशिकाओं में निटेगिव प्रोटीन बनाना शुरू कर देता है.
फिर हमारी शरीर में बनते हैं कोरोना वायरस
जब निगेटिव प्रोटीन हमारे शरीर में बनना शुरू होता है तो फिर हमारी कोशिकाएं भी उसी वायरस की तरह ढलने लगती हैं. कोशिकाओं के भीतर ही कई नए वायरस का जन्म होता है. फिर शरीर के भीतर वायरस की संख्या बढ़ने लगती हैं.
कैसे होता है अंत
जब इन वायरस की संख्या बहुत ज्यादा हो जाती है तब हमारे शरीर के अंदर की कोशिकाएं मरने लगती हैं. ये हमारे फेफड़ों में पहुंच कर ऑक्सीजन की सफाई की प्रक्रिया में बाधा पहुंचाने लगती हैं.
कैसे लड़ाई करती प्रतिरोधक क्षमता
कोरोना के बारे में बार-बार कहा जा रहा है कि जिनका इम्यून सिस्टम बेहतर होगा उन पर इस बीमारी का असर कम होगा. जब हमारा इम्यून सिस्टम इन वायरस से लड़ता है तभी हमें बुखार आना शुरू होता है. और दूसरे सिंप्टम भी इसी वजह से दिखाई देते हैं.
साबुन है सबसे बेहतर उपाय
ज्यादातर लोगों में देखा जाता है कि वो अपना चेहरा हर कुछ मिनट के अंतराल पर छूते रहते हैं. आपने खबर पढ़ी होगी कि अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने बीते महीने के दौरान अपना चेहरा नहीं छुआ. ट्रंप को ये आदत थी कि वो हर कुछ समय के अंतराल पर अपने चेहरे को छूते थे. एक बार जब वायरस आपके हाथों पर आ जाता है तो आप हाई रिस्क जोन में होते हैं. इस समय आपका सिर्फ पानी से हाथ धोना काफी नहीं है. साबुन से हाथ धोना बेहद जरूरी है.
साबुन में एमीफिफिल्स जैसी चीजें शामिल की जाती हैं जो वायरस के स्ट्रक्चर को खत्म करने का काम करती हैं. ये साबुन के कण वायरस की बाहरी लेयर पर मौजूद लिपिड की लेयर को समाप्त करते हैं. जिससे वायरस समाप्त हो जाता है. हाथ धुलने के दौरान भी आपको खयाल रखना होगा कि साबुन आपकी हथेलियों और कलाई पर पूरी तरह लगा है या नहीं.
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First published: March 24, 2020, 1:28 AM IST