लेकिन मामले के समाधान के लिए 31 मार्च के बाद भुगतान करने पर विवादित देय कर से 10 प्रतिशत अधिक राशि जमा करानी होगी. यह योजना 30 जून तक खुली रहेगी.
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नोटिफाई किए गए 5 फॉर्महलांकि प्रॉपर्टी टैक्स, जिसे सौदा कर और कंपनियों के बीच होने वाले सौदे पर लगने वाला कर (एक्विलाइजेशन शुल्क) से संबंधित विवाद के मामले इसके दायरे में नहीं आते. राजस्व विभाग ने योजना के तहत विभिन्न कदमों के लिये पांच फॉर्म अधिसूचित किये हैं. इसे ऑनलाइन भरने की आवश्यकता होगी.
क्या होगा प्रोसेस
>> योग्य टैक्सपेयर को नामित प्राधिकरण के पास फॉर्म 1 में अपनी घोषणा करनी होगी. साथ ही संबंधित करदाता को कर बकाया के संबंध में किसी भी कानून के तहत कोई दावा करने की अनुमति नहीं होगी और उसे इस बारे में फॉर्म 2 में हलफनामा देना होगा.
>> घोषणा फॉर्म (फॉर्म 1) में कर बकाया की प्रकृति, आकलन वर्ष, आदेश का ब्योरा, बकाया कर राशि में पहले ही किये जा चुके भुगतान आदि के बारे में विस्तार से ब्योरा देना होगा.
>> इसके बाद योजना के तहत विभिन्न परिस्थितियों में फॉर्म में देय कर के आकलन के तरीके को दिया गया है. यानी इसमें विवादित कर/टीडीएस/टीसीएस/विवादित ब्याज/ विवादित जुर्माना या शुल्क के लिये कर देनदारी के बारे में पूरा ब्योरा होगा.
>> घोषणा फॉर्म और हलफनामा प्राप्त होने के बाद नामित प्राधिकरण 15 दिन के भीतर आदेश (फॉर्म 3) जारी करेगा. इसमें करदाता को पहले से भुगतान की गयी राशि के समायोजन के बाद कुल राशि के भुगतान के लिये कहा जाएगा.
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>> फॉर्म 3 के तहत करदाता को भुगतान और मनोनीत प्राधिकरण को उसकी सूचना देने के लिये 30 दिन का समय दिया जाएगा.
>> भुगतान के बारे में सूचना फॉर्म 4 में देना होगा. इसमें चलान की संख्या, भुगतान तारीख और राशि का ब्योरा देना होगा.
>> अगर निर्धारित राशि नियत अवधि में नहीं दी जाती है, घोषणा करने के आवेदन को निरस्त कर दिया जाएगा.
>> अंत में नामित प्राधिकरण प्रमाणपत्र (फॉर्म 5) जारी करेगा. इसमें विवादित राशि के बारे में पूरा ब्योरा और दी गयी छूट की जानकारी होगी.
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टैक्सपेयर्स के पास पूरे लाभ के लिए 7-9 दिन का समय
इस बारे में नांगिया एंडर्सन कंस्टलिंग के चेयरमैन राकेश नांगिया ने कहा कि फॉर्म और नियम निर्धारित तारीख से केवल 10 दिन पहले अधिसूचित किये गये हैं. इसके अलावा सभी फॉर्म को ऑनलाइन भरने की जरूरत है और ई-फॉर्म को अभी जारी किया जाना है. इसमें एक-दो दिन का और समय लग सकता है.
उन्होंने कहा कि व्यवहारिक रूप से टैक्सपेयर्स के पास 31 मार्च या उससे पहले इस योजना का लाभ उठाने के लिये के लिये कामकाजी दिवस केवल 7-9 दिन बचा है.
कोरोना वायरस की वजह से आएगी अड़चन
नांगिया ने कहा कि इसीलिए व्यवहारिक रूप से टैक्सपेयर्स के साथ-साथ नामित प्राधिकरणों के लिये सभी मामलों की जांच करना और 31 मार्च मार्च 2020 या उससे पहले भुगतान करना मुश्किल होगा. इसके अलावा कोरोना वायरस संक्रमण के कारण मामला और मुश्किल जान पड़ता है. कई कार्यालयों के कर्मी और चार्टर्ड एकाउंटेंट घर से काम करने लगे हैं.
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