मरीजों को पकड़ने के लिए आतंकरोधी तकनीक का किया जा रहा इस्तेमाल
इजरायल कोरोना वायरस से संक्रमित मरीज और उसके संपर्क में आए लोगों को पकड़ने के लिए आतंकरोधी तकनीक का इस्तेमाल कर रहा है. नेतन्याहू की इस घोषणा की नागरिक अधिकार समूह कड़ी आलोचना कर रहे हैं. हालांकि, नेतन्याहू ने सोमवार को इसकी घोषणा करते हुए कहा कि इजरायल एक लोकतांत्रिक देश है. लिहाजा, नागरिक अधिकार (Civil Rights) और लोगों की जरूरतों के बीच संतुलन बनाए रखना जरूरी है. तकनीक का इस्तेमाल कर हमें मरीजों का पता लगाने और कोरोना वायरस को फैलने से रोकने में मदद मिलेगी. वहीं, इजरायल की एसोसिएशन फॉर सिविल राइट के मुताबिक, ये लोगों की मदद के नाम पर सरकार की ओर से इस्तेमाल किया जा रहा खतरनाक तरीका है.
नेतन्याहू ने सभी सरकारी दफ्तरों में एक महीने की छुट्टी का आदेश दियाप्रधानमंत्री नेतन्याहू ने मोबाइल ट्रैक के अलावा कोरोना वायरस (Coronavirus) की रोकथाम के लिए देश के सभी सरकारी कार्यालयों में एक महीने की छुट्टी की घोषणा कर दी है. साथ ही निजी क्षेत्र के कार्यालयों में कर्मचारियों की संख्या 30 फीसदी करने का आदेश दे दिया है. इजरायल में अब तक 337 लोगों को संक्रमण हो चुका है. इनमें 11 लोगों को ठीक कर घर भेजा जा चुका है, जबकि 5 मरीजों की स्थिति गंभीर है. अब तक इजरायल में कोरोना वायरस की वजह से कोई मौत नहीं हुई है. इजरायल सरकार ने बचाव के लिए सभी स्कूलों, मॉल, रेस्टोरेंट्स और भीड़ वाली जगहों को बंद कर दिया है. साथ ही एक जगह पर 10 से ज्यादा लोग इकट्ठा होने पर भी पाबंदी लगा दी है.

इजरायल ने खाली होटलों को मरीजों के लिए आइसोलेशन सेंटर्स में तब्दील कर दिया है.
खाली होटलों को मरीजों के लिए आइसोलेशन सेंटर्स में किया तब्दीलइजरायल के रक्षा मंत्री (Defence Minister) ने बताया कि कुछ खाली होटलों को मरीजों के लिए आइसोलेशन सेंटर्स (Isolation Centers) में तब्दील कर दिया गया है. सोशल डिस्टेंसिंग (Social Distancing) निर्देशों के बीच इजरायल के सांसदों ने एक बार में तीन के समूहों में शपथ ली. इजरायल की आंतरिक सुरक्षा सर्विस ने मंगलवार को बताया कि उसे मरीजों पर नजर रखने के लिए कैबिनेट की मंजूरी मिल चुकी है. एजेंसी संक्रमित मरीजों और उनके संपर्क में आने वाले लोगों के मोबाइल फोन भी ट्रैक करेगी. इंटरनल सिक्योरिटी सर्विस शिनबेट (Shin Bet) के नादाव अर्गमान ने बताया कि एजेंसी अपनी आतंकरोधी क्षमता का पूरा इस्तेमाल संक्रमित लोगों का पता लगाने और उनकी निगरानी में करेगी. हमारा लक्ष्य हर हाल में अपने लोगों की जिंदगी बचाना है.
एजेंसी ने कहा- व्यक्तिगत जानकारी शिनबेट के डाटाबेस में नहीं रखेंगे
एजेंसी ने कहा कि सर्विलांस के दौरान लोगों की निजता का पूरा ख्याल रखा जाएगा. हम सिर्फ संक्रमित व उनके संपर्क में आए लोगों को फोन और क्रेडिट कार्ड का इस्तेमाल नहीं करने की चेतावनी देंगे. इसमें किसी पर अलग-थलग होने का दबाव नहीं डाला जाएगा. इसके अलावा सरकार की ओर से लोगों पर किसी अनिवार्य प्रक्रिया का पालन करने का दबाव भी नहीं डाला जाएगा. इस पूरे मामलों को कुछ खास अधिकारी ही हेंडल करेंगे. लोगों की व्यक्तिगत जानकारी शिनबेट के डाटाबेस में नहीं रखी जाएगी.
दक्षिण कोरिया ने संक्रमण फैलाने में 12 लोगों पर की कानूनी कार्रवाई
दक्षिण कोरिया में अब तक 8,413 लोग संक्रमण की चपेट में आ चुके हैं. इनमें 84 लोगों की मौत हो चुकी है. कोरोना वायरस की वजह से हुई कुछ मौतों के लिए दक्षिण कोरिया के एक धार्मिक नेता के खिलाफ जांच चल रही है. राजधानी सोल के प्रशासन ने शिन्चेऑन्जी चर्च के संस्थापक ली-मन-ही और 11 अन्य के खिलाफ मामला चलाने का आदेश दे दिया. सभी आरोपियों पर कोरोना पीड़ित कुछ लोगों के नाम अधिकारियों से छुपाने का आरोप है. ये अधिकारी शहर में वायरस फैलने से पहले प्रभावित लोगों को ट्रैक करने की कोशिश कर रहे थे. दक्षिण कोरिया में संक्रमण से मरने वालों में आधे एक ईसाई समूह की ओर से चलाए जा रहे चर्च के सदस्य हैं.

दक्षिण कोरिया ने कोरोना वायरस संक्रमित लोगों के नाम छुपाने के आरोप में शिन्चेऑन्जी चर्च के संस्थापक ली-मन-ही और 11 अन्य के खिलाफ कानूनी कार्रवाई शुरू कर दी है.
चर्च के संस्थापक पर संक्रमितों की जानकारी छुपाने का लगाया आरोप
प्रशासन का कहना है कि बीते महीने दक्षिणी शहर डाएगू में शिन्चेऑन्जी चर्च के सदस्यों में एकदूसरे के जरिये कोरोना वायरस फैलता गया. फिर धीरे-धीरे देश के दूसरे हिस्सों में भी इसका असर होने लगा. बीबीसी की रिपोर्ट के मुताबिक, एक वरिष्ठ सदस्य किम शिन चांग ने बताया कि चर्च को इस मामले में बेहद दुख है. उन्होंने माना कि चर्च के सदस्य अपनी पहचान जाहिर करने से घबरा रहे थे. वे कहते हैं कि अब चर्च ने सभी पीड़ितों के बारे में पूरी जानकारी दे दी है. इसमें सभी सदस्यों और जगहों की जानकारी शामिल है. रविवार को सोल प्रशासन ने एक समुदाय के 12 लोगों के खिलाफ कानूनी कार्रवाई शुरू कर दी है. उन पर हत्या, नुकसान पहुंचाने और संक्रामक रोग व नियंत्रण अधिनियम का उल्लंघन करने के आरोप लगे हैं.
रोमन कैथोलिक चर्च के 2.30 लाख लोगों के दर्ज किए जा चुके हैं बयान
दक्षिण कोरिया सरकार ने चर्च के सभी 2.30 लाख सदस्यों के बयान लिए गए हैं. इनमें करीब 9,000 ने बताया कि उनमें कोरोना वायरस के लक्षण दिख रहे हैं. चर्च की 61 वर्षीय एक महिला सदस्य कोरोना वायरस से पॉजिटिव पाए जाने वाले पहले लोगों में शामिल हैं. उन्होंने शुरुआत में अस्पताल जाने और कोरोना वायरस का टेस्ट कराने से ही इनकार कर दिया था. इसके अलावा सरकार ने दक्षिण कोरिया के सभी चर्च बंद करने का आदेश जारी कर दिया है. इसके अलावा देश में होने वाले सभी विरोध-प्रदर्शन और बौद्ध कार्यक्रम रद्द कर दिए गए हैं. दक्षिण कोरिया में फैले कोरोना वायरस के लिए रोमन कैथोलिक संप्रदाय को जिम्मेदार मानते हुए लोगों का गुस्सा फूट रहा है. लोगों ने इस चर्च पर प्रतिबंध लगाने के लिए पिटिशन शुरू की है. इस पर अब तक 12 लाख से ज्यादा लोग हस्ताक्षर कर चुके हैं.
मास्क निर्यात पर लगाई पाबंदी, करीब 3 लाख लोगों की हो चुकी जांच
कोरिया रोग नियंत्रण व रोकथाम केंद्र ने बताया कि देश में कोरोना वायरस के मामलों की संख्या अब 8,000 से ज्यादा हो गई है. दक्षिण कोरिया के विदेश मंत्रालय के मुताबिक, 36 देशों ने हाल में दक्षिण कोरिया आए लोगों पर प्रतिबंध लगाए हैं. प्रशासन ने शुक्रवार से ही मास्क निर्यात पर प्रतिबंध लगा दिया है. केंद्र ने दिन में दो बार इस वायरस के मरीजों की घोषणा करने के बाद 10 मार्च से स्थानीय समायानुसार 10 बजे एक बार नया डाटा बताने का निर्णय लिया है. देश ने अपने चार स्तरीय वायरस अलर्ट को उच्चतम स्तर ‘लाल’ तक बढ़ा दिया है. देश में कुल करीब 3 लाख लोगों का परीक्षण किया गया है. इनमें 2.50 लाख से ज्यादा लोगों की रिपोर्ट निगेटिव आई है.
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